Kumbh Mela 2025: 29 जनवरी 2025 को, उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में सिद्धि योग के महाकुंभ का आयोजन होगा। यहां, 13 जनवरी से ही स्नान का आरंभ हो जाएगा, और रूढ़िवादी रूप से 29 जनवरी से लेकर 08 मार्च तक कुंभ मेला चलेगा। इससे पहले 2019 में प्रयागराज में अर्धकुंभ मेला आयोजित किया गया था।
प्रत्येक 3 साल में, कुंभ मेला की महोत्सवी धरोहर कहलाने वाली है, जिसमें हर बार किसी एक शहर को आत्मा से भरपूर होते हुए अपने चरम समर्थ को प्रकट करने का मौका प्राप्त होता है। प्रत्येक 6 साल में हम देखते हैं कि अर्धकुंभ मेला आयोजित होता है, जो साधना और संगीत की मधुर धुनों में रंगीनीति का सामर्थ्यिक सम्मेलन है। इसके बाद, हर 12 साल में, अद्वितीय महाकुंभ का आयोजन होता है, जो सृष्टि की उत्थान में निभाने वाला एक अद्वितीय साहित्यिक दृष्टिकोण प्रदान करता है।
2013 में, प्रयाग नगर में समर्पण और भक्ति का सन्देश देने वाले महाकुंभ मेला का आयोजन हुआ था। फिर, 2019 में, प्रयागराज में अर्धकुंभ मेले ने भगवान की अनुपम उपस्थिति के साथ श्रद्धालुओं को आत्मा से मिला दिया। और अब, 2025 में, पुनः प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन होने वाला है, जिससे यात्री और भक्तगण अपनी आत्मा को शुद्ध करने के लिए एक नए साधना का सामर्थ्य प्राप्त करेंगे। इसके बाद, 2028 में, सिंहस्त कुंभ मेले का आयोजन होने के साथ एक नई साल की शुरुआत होगी, जो साहित्य, संगीत, और धरोहर के समृद्धि के साथ समापन होगी।
यहाँ, हिंदू सनातन धर्म का सबसे शानदार उत्सव और मेला है। इस पवित्र मेले में शामिल होने के लिए लाखों लोग देश और दुनिया भर से आते हैं। हिंदू धर्म की सभी विचारधारा और पंथ इस मेले में एक साथ आते हैं, जैसे कि हजारों नदियाँ एक ही स्थान पर मिल जाएं। ऐसा महसूस होता है कि सभी नदियाँ एक में मिलकर बह रही हैं। इसलिए इसे हम महासंगम कह सकते हैं। यहाँ हर कोई अपने आत्मा को शुद्ध करने के लिए उत्सुक है, और डुबकी लगाना इस महासंगम का एक अद्भुत हिस्सा बन जाता है।
हरिद्वार - सूर्य जब मेष राशि में आते हैं और बृहस्पति कुंभ राशि में धूप देते हैं, तो हरिद्वार में महाकुंभ मेला का आयोजन होता है।
प्रयागराज - बृहस्पति जब वृषभ राशि में विचरण करते हैं और सूर्य मकर राशि में मुखर होते हैं, तब प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन होता है।
नासिक - सूर्य और बृहस्पति जब सिंह राशि में मिलते हैं, तो नासिक में महाकुंभ मेले का आयोजन होता है।
उज्जैन - उज्जैन में, जिसे हम सिंहस्थ कहते हैं, बृहस्पति जब सिंह राशि में रहते हैं और सूर्य के मेष राशि में होने पर, तब उज्जैन में महाकुंभ का आयोजन होता है।